Khana Khane Ka Sahi Tarika: नमस्कार दोस्तों, हम सभी खाना (रोजी) कमाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। लेकिन वास्तव में हमें खाने के बारे में बहुत ही कम ज्ञान है या कहे खाना खाने का सही तरीका(khana khane ka sahi tarika) क्या है नही पता। हमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा(fats), विटामिन और मिनरल के बारे में केवल टेलीविज़न या मैगज़ीन द्वारा बताया गया ज्ञान ही है।
हमें उसकी मात्रा, समय और भौतिक अवस्था में होने वाले परिवर्तनों के बारे में कोई ज्ञान नहीं है। यही कारण है कि हम अच्छा खाते हैं, महंगा खाते हैं, लेकिन वह हमारे शरीर का पर्याप्त या सही विकास नहीं करता।
आजकल तो यह बात आमतौर पर कही जाती है कि ‘पहले लोग कम खाने से बीमार होते थे, जबकि आजकल ज़्यादा खाने से बीमार पड़ रहे हैं। मधुमेह, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय रोग का मुख्य कारण भोजन को सही तरीके से न खाना.
तो चलिए जानते हैं khana khane ka sahi tarika kya hai.
Khana Khane Ka Sahi Tarika | खाना खाने का सही तरीका- खाना कैसे, कितना और कब खायें
- खाना केवल भूख लगने पर ही खाएँ, जब भूख न लग रही हो तो खाना बिल्कुल न खाएँ।
- एक समय में केवल एक तरह का ही खाना खाएँ। जैसे एक समय में या तो दाल लें या सब्जियाँ या मांस। इन सबको एकसाथ न खाएँ।
- खाना खाने से पहले थोड़ा सा मीठा खा लें, जिससे कि आंतों की परत का क्षोभ या जलन कम हो जायेगी। तथा खाना खाने के बाद भी थोड़ा सा मीठा खाएँ, जिसे खाने से आंतों पर हुआ क्षोभ (इनफ्लेमेशन) नष्ट हो जाएगा। मीठे का सर्वश्रेष विकल्प पिण्डखजूर है।
- कभी भी भर पेट खाना न खाएँ। थोड़ी भूख बची रहने पर भोजन करना बंद कर दे.
- खाना अच्छी तरह से चबाकर ही खाएँ। क्योंकि आप जितना अच्छे से चबाएंगे व उतनी ही अच्छी तरह से पचेगा। और आपके शरीर का अच्छी प्रकार से पोषण करेगा।
- खाना खाते समय टेलिविज़न न देखें और न ही बातें करें क्योंकि हमारी भावनाएं परिवर्तित होने से आहार के पाचन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- एक ही प्रकार का खाना लगातार न खाएँ, क्योंकि इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। अतः अपने आहार में सभी प्रकार का भोजन समाहित करें।
- सोने से लगभग चार घण्टे पहले भोजन कर लें।
- भोजन के बारे में सामान्य नियम है, कि नाश्ता राजे-महाराजे जैसा हो, दापहर का भोजन आम आदमी जैसा हो तथा रात्रि भोजन भिखारियों जैसा होना चाहिए।
- भोजन के तुरंत बाद कोई भी शारीरिक श्रम अथवा मेहनत के कार्य न करें, थोड़ी देर आराम करने के बाद ही कोई परिश्रम का कार्य आरंभ करें, क्योंकि यदि हम तांत परिश्रम आरंभ कर देते हैं तो इससे हृदय पर दोहरा दबाव पड़ेगा जिससे पाचन भी ठीक नहीं होगा तथा हृदय पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा जिससे कि भविष्य में आप कई रोगों से पीड़ित हो सकते हैं।
- मौसमी सब्ज़ियाँ ही खाएँ, यदि मौसम न हो तो वे सब्ज़ियाँ न खाएँ, जैसे बरसात में आने वाली सब्जियाँ बरसात में ही खाएँ, उन्हें ठण्ड अथवा गर्मी में न लें।
- फलों को भी मौसम के अनुसार ही खाएँ, जैसे तरबूज़ जो कि गर्मियों में आता है, उसे केवल गर्मियों में ही खाएँ। बारिश या सर्दियों में खाने से कफ को बढ़ाता है, जिससे कफ के रोग होने लगते हैं।
- खाना ताज़ा खाएँ तथा न ज़्यादा गर्म खाएँ न ही ज़्यादा ठण्डा खाएँ।
- फलों को सदैव भोजन से पहले खाएँ, भोजन के बाद खाने से उसका पाचन अच्छे से नहीं हो पाता। क्योंकि खाने को पचाने में सारे पाचक रस (Digestive Juices) प्रयुक्त हो जाते हैं। बालों का सफेद होना, गैसेस बनना, डार्क सर्कल्स से हमें निजात मिल सकती है, अगर हम फलों को खाली पेट खाएँ।
- अगर आप फलों का रस पीना चाहते हैं तो ताजा रस ही पियें। कभी भी गर्म किया रस या उबले हुए फलों के रस का सेवन न करें।
- फलों को खाने के फौरन बाद पानी न पिएँ, इससे आपको कफ के रोग हो सकते हैं
- भोजन आराम से बैठकरकरें, चलते-फिरते या दौड़ते-भागते नहीं।
- महीने में तीन दिन केवल और केवल फलों का ही सेवन करें। और ताजे फलों का ही रस पियें, फिर देखें आपके मित्रों की प्रतिक्रिया कि आप कितने ओजस्वी लग रहे हैं.
- आजकल कीटनाशक एवं केमिकल लगे हुए फल एवं सब्जियाँ बाजार में मिलते हैं। इसलिए जहाँ तक संभव हो बिना कीटनाशक एवं केमिकल वाले फल एवं सब्जियाँ ही खाएँ। यदि यह उपलब्ध न हो तो आप फलों एवं सब्जियों को थोड़े से कुनकुने पानी में 5 से 10 मिनट रखकर ही उपयोग करें।
- फ्रिज में रखा खाना तुरंत निकालकर कभी न खाएँ। इससे आपको टाँसिलाइटिस, फेफड़ों एवं पेट की समस्या हो सकती है। ज़्यादा दिन तक खाद्य पदार्थों को फ्रिज में रखने से भी वे शरीर के लिए हानिकारक हो जाते हैं।
- जहाँ तक संभव हो बाहरी खाना अथवा रेस्टोरेंट में खाना न खाएँ, क्योंकि अधिकांश रेस्टोरेंट्स अपने खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रसायनों का उपयोग करते हैं तथा वहाँ पर स्वच्छता भी नहीं होती।
- जब आप शरीर द्वारा निश्चित समय में उपयोग की जानेवाली कैलोरी से अधिक कैलोरी का उपयोग नहीं करते हैं तो आपका शरीर वसा के रूप में उसे संचित करने लगता है। यह बढ़ी हुई वसा सबसे पहले पेट और जाँघों में जमा होने लगती है अधिक वसा जमा होने पर थकान, हृदय रोग, कैंसर और सेंकड़ों बीमारियाँ होने लगती हैं। यदि आपके पेट या जाँघों में चर्बी जमने लगे तो सचेत हो जाएँ कि अब खान-पान पर नियंत्रण जरूरी हो गया है।
“जिस भोजन का स्वाद अच्छा लगे उसे शरीर के लिए हानिकारक समोर आहारशास्त्र का पहला नियम है।”
-इसॉक एसिमो
खाना खाने का सही समय | Khana Khane ka Sahi Time
आम तौर पर हम सब तीन समय खाना खाते है (ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर). तो चलिए जानते है किस समय क्या खाना चाहिए.
ब्रेकफास्ट: अगर हम बात करें एक आम इंसान की तो वह प्रातः 6 बजे उठ जाता है. सुबह उठ कर रोज़मर्रा के काम(ब्रश करना, फ्रेश होना आदि) करने के आधे घंटे बाद आप ब्रेकफास्ट कर सकते हैं, यानी 7 बजे तक. यदि आप देर से उठते हैं तो भी आपको 10 बजे तक ब्रेकफास्ट कर लेना चाहिए. नाश्ते में प्रोटिन और multivitamins जरूर लेना चाहिए.
लंच: लंच याने दोपहर का भोजन करने का सही समय दिन की 1 बजे से 3 बजे तक है. परन्तु 4 बजे के बाद खाना न खायें.
डिनर: डिनर याने रात का भोजन करने का सही समय सायं 7 बजे से 9 बजे तक है. लेकिन 10 बजे का बाद भोजन न करें क्योंकि देर रात तक खाना खाने से अपचन की प्रॉब्लम हो सकती हैं.
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निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों आप लोगो ने आज जाना के खाना खाने का सही तरीका क्या है(Khana Khane Ka Sahi Tarika), खाना खाने का सही समय( Khana Khane ka Sahi Time) क्या होता है.
भोजन करते समय यदि आप सही तरीका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो हमारा शारीर बीमारियों का घर बन जाता हैं. तो आप सभी से अनुरोध है की आप सभी खाना खाने का सही तरीका अपने जीवन में अपनाएं.
साथियों आप अपने दोस्तों एवं परिवार वालो के साथ इस लेख को साझा करे ताकि वो भी जान सकें खाना खाने का सही तरीका क्या होता है और किस समय क्या खाना चाहिए.
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